Description
About Puja :-
दीपावली एवं महालक्ष्मी पूजन
भारत में त्योहार केवल उल्लास और आनंद का प्रतीक ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा का हिस्सा हैं। यहाँ न केवल देवी-देवताओं की पूजा होती है, बल्कि नदियों, वृक्षों और प्रकृति के हर अंग को सम्मान दिया जाता है। इन्हीं त्योहारों में दीपावली विशेष स्थान रखती है, जो भारतीय संस्कृति की अद्भुत विरासत का प्रतीक है।
दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और इसे “प्रकाश का पर्व” कहा जाता है। यह पर्व भगवान श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास से लौटने की खुशी में आरंभ हुआ था। दीपों की रोशनी से सजे इस पर्व पर घरों, कार्यालयों और व्यावसायिक स्थलों पर महालक्ष्मी, भगवान गणेश, धन के देवता कुबेर, और आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि भगवान की पूजा का विशेष महत्व है।
महालक्ष्मी पूजन में लक्ष्मी जी को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। गणेश जी की पूजा शुभता और समस्त विघ्नों के नाश हेतु की जाती है। साथ ही, अष्टलक्ष्मी, अष्टसिद्धि, महाकाली, सरस्वती, लेखनी, तुला और दीपमालिका का भी पूजन किया जाता है।
यह पर्व धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। यह अंधकार से प्रकाश और अज्ञानता से ज्ञान की ओर बढ़ने का संदेश देता है।
धार्मिक महत्व
दीपावली के दिन विधिपूर्वक महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों और विघ्नों का नाश होता है। माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से घर में धन, सुख, वैभव और समृद्धि का वास होता है।
SHRADDHA के माध्यम से आप दीपावली और महालक्ष्मी पूजन के लिए अनुभवी पंडितों और संपूर्ण विधि-विधान से संपन्न पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
Benefits :-
दीपावली में महालक्ष्मी एवं गणपति पूजन के लाभ
दीपावली के शुभ अवसर पर महालक्ष्मी और गणपति की पूजा करना जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का द्वार खोलता है। यह पूजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि जीवन के भौतिक पक्षों को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
- धन-समृद्धि का आगमन
माता लक्ष्मी के श्रीसूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र के पाठ से धन की वृद्धि होती है और व्यापार में प्रगति होती है।
- दरिद्रता का नाश
लक्ष्मी पूजन से घर-परिवार में दरिद्रता का समूल नाश होता है और ऐश्वर्य का वास होता है।
- पारिवारिक शांति
देवी लक्ष्मी की कृपा से घर के सदस्यों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है, जिससे परिवार में स्थायी सुख और शांति बनी रहती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश
विधिपूर्वक पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- समस्त विघ्नों का शमन
भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी प्रकार के बाधाओं और कष्टों का नाश होता है, जिससे कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- संपत्ति और वैभव का वरदान
महालक्ष्मी की कृपा से धन, सुख और वैभव में निरंतर वृद्धि होती है।
SHRADDHA के माध्यम से आप अनुभवी पंडितों द्वारा दीपावली पूजन कराकर अपने जीवन को समृद्धि और शुभता से भर सकते हैं।
Process :-
दीपावली एवं महालक्ष्मी पूजन में होने वाले प्रयोग या विधि:-
- स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
- प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
- गणपति गौरी पूजन
- कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
- पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
- षोडशमातृका पूजन
- सप्तघृतमातृका पूजन
- नवग्रह मण्डल पूजन
- अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
- पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन
- रक्षाविधान
- प्रधान देवता पूजन
- प्रधान देव गणपति लक्ष्मी पूजन
- अङ्ग पूजन
- अष्टसिद्धि पूजन
- अष्टलक्ष्मी पूजन
- देहली विनायक पूजन
- महाकाली (दवात) पूजन
- लेखनी पूजन
- सरस्वती (पञ्जिका बही-खाता)
- कुबेर पूजन तिजोरी में
- तुला पूजन
- दीपमालिका पूजन
- प्रधान आरती प्रसाद वितरण
Puja Samagri :-
SHRADDHA द्वारा प्रदान की जाने वाली पूजन सामग्री:
- रोली, कलावा
- सिन्दूर, हल्दी
- इलाइची, लवङ्ग
- सुपारी, अबीर
- गुलाल, अभ्रक
- गंगाजल, गुलाबजल
- इत्र, शहद
- धूपबत्ती, रुई, रुईबत्ती
- यज्ञोपवीत, पीली सरसों
- देशी घी, कपूर
- माचिस, जौ
- पञ्चमेवा, दोना (बड़ा साइज)
- सफेद चन्दन, लाल चन्दन
- अष्टगंध चन्दन, गरी गोला
- चावल (छोटा दाना), मिट्टी का दीपक
- सप्तधान्य, सप्तमृत्तिका
- सर्वोषधि, पञ्चरत्न
- मिश्री, पीला कपड़ा (सूती)
यजमान द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:
- पूजा वेदी के लिए चौकी (2×2) – 1
- गाय का दूध – 100ml
- दही – 50ml
- मिष्ठान्न – आवश्यकतानुसार
- फल – विभिन्न प्रकार (आवश्यकतानुसार)
- दूर्वा (घास) – 1 मुठ्ठी
- पान के पत्ते – 7
- पुष्प – विभिन्न प्रकार (2 किलो)
- पुष्पमाला – 7 (विभिन्न प्रकार की)
- आम के पल्लव – 2
- विल्वपत्र – 21
- तुलसी पत्र – 7
- शमी पत्र एवं पुष्प
- पानी वाला नारियल – 1
- पंजीरी, पंचामृत
- थाली – 2, कटोरी – 5, लोटा – 2, चम्मच – 2
- अखण्ड दीपक – 1
- तांबा या पीतल का कलश (ढक्कन सहित)
- देवताओं के लिए वस्त्र (जैसे गमछा, धोती)
- बैठने हेतु दरी, चादर, या आसन
- गोदुग्ध, गोदधि
SHRADDHA का उद्देश्य आपके पूजा अनुभव को संपूर्ण और पवित्र बनाना है।
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