Description
श्याम बाबा कीर्तन: भक्तिमय साधना का उत्सव
श्याम बाबा कीर्तन खाटू श्यामजी, जिन्हें कलियुग के भगवान और भक्तों के कल्याणकर्ता के रूप में जाना जाता है, की आराधना का एक पवित्र माध्यम है। यह कीर्तन श्याम बाबा के प्रति अनन्य प्रेम और समर्पण को प्रकट करता है और उनके दिव्य स्वरूप, लीलाओं और चमत्कारों का गुणगान करता है।
क्या है “श्याम बाबा कीर्तन”?
- भगवान श्याम की महिमा:
यह कीर्तन खाटू श्यामजी के “हारे का सहारा” स्वरूप का स्मरण कर उनके करुणा और कृपा का वर्णन करता है।
- नामस्मरण की शक्ति:
“श्याम” नाम के जप और गान से भक्तों के मन में शांति, सुख, और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।
- सामूहिक भक्ति:
यह कीर्तन भक्तों को सामूहिक रूप से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है, जिससे भक्ति और आध्यात्मिकता की अनुभूति गहरी होती है।
Benefits
श्याम बाबा कीर्तन के लाभ
- आध्यात्मिक शांति और मानसिक शुद्धि:
श्याम बाबा कीर्तन के दौरान उनका नामस्मरण और भजन गान मन को शांत करता है और मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होता है।
- कष्टों और समस्याओं का निवारण:
खाटू श्यामजी को “हारे का सहारा” कहा जाता है। उनके कीर्तन से भक्तों के जीवन के सभी कष्ट और परेशानियां कम हो जाती हैं।
- भक्ति और समर्पण का विकास:
कीर्तन के माध्यम से भगवान श्याम के प्रति प्रेम, श्रद्धा और समर्पण की भावना का उदय होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
सामूहिक कीर्तन से एक दिव्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो नकारात्मकता को दूर कर वातावरण को पवित्र बनाता है।
- सुख-समृद्धि की प्राप्ति:
श्याम बाबा की कृपा से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का निवास होता है।
- सामाजिक जुड़ाव:
कीर्तन में सामूहिक भागीदारी से सामाजिक सौहार्द और एकता का अनुभव होता है।
- संकल्प पूर्ति:
श्याम बाबा के कीर्तन के दौरान की गई प्रार्थनाओं और संकल्पों की पूर्ति उनके आशीर्वाद से संभव होती है।
- आत्मबल और प्रेरणा:
कीर्तन के दौरान श्याम बाबा की महिमा और लीलाओं का स्मरण भक्तों में आत्मबल और नई प्रेरणा का संचार करता है।
- परिवार और समाज में सद्भाव:
श्याम बाबा कीर्तन का आयोजन घर और समाज में शांति और प्रेम का वातावरण बनाता है।
- भाग्य उदय और कृपा प्राप्ति:
श्याम बाबा कीर्तन के प्रभाव से व्यक्ति के भाग्य का उदय होता है और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
“श्याम बाबा कीर्तन से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का अनुभव करें और उनकी कृपा का आनंद उठाएं।”
Puja Samagri
यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था :-
परात पीतल की बड़ी ज्योत के लिए
2 बड़े मिट्टी के दीपक
2 छोटे दीपक मिट्टी के
बालू रेत
पूजा के लोटे –2
पूजा का लोटा तांबे का –1
चमच्च बड़ी –1
चमच्च छोटी-2
स्टिल तपेली –2
धामा -1
कंडे -2
चूरमा – इच्छानुसार
फल –5 तरह के
खोपरा गोला –1 किलो (कीर्तन देर तक चलेगा तो ओर भी लगेगा)
घी- 1किलो(कीर्तन देर तक चलेगा तो ओर भी लगेगा)
पान कोरे-2
पान के बीड़े-3
इत्र शिसी-2 बड़ी
लाल नाडा –2 लच्छि
दीपक –2 छोटे
दीपक –1 बड़ा
कपूर बट्टी
अगरबत्ति-1पैकेट छोटा
अबीर ,गुलाल ,कंकु,चावल,कपूर
पंच मेवा- काजू ,बादाम,मखाने, किसमिस,मिश्री
20-20 ग्राम
56 भोग (इसमें लसन से बने सामान का भोग नही लगेगा कृपया विशेष ध्यान रखे)
मां बगलामुखी हवन
(NOTE – YEH SAB HAVAN MAA BAGLAMUKHI MANDIR NALKHEDA MADHYA PRADESH ME HONGE Is LIYE INKI BOOKING ME ADDRESS APNE AAP HI MAA BAGLAMUKHI MANDIR NALKHEDA MADHYA PRADESH BTAYE ESA SET KARNA HAI SIRF IN HAVAN ME)
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