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शरत्पूर्णिमा व्रतोपासना

व्रतोत्सव त्यौहार | Duration : 1 Hour

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शरत्पूर्णिमा व्रतोपासना

Category

Description

About Puja :-

भारतीय सनातन परंपरा में व्रतों का विशिष्ट महत्व है। व्रत और उत्सव श्रद्धा, भक्ति, नियम और संयम के साथ मनाए जाते हैं। इन्हीं व्रतों में से एक है शरद पूर्णिमा, जिसे आश्विन मास की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन की चांदनी को अमृत तुल्य माना गया है, जो पूरे जगत में अमृत की वर्षा करती है। इस पवित्र रात्रि में नारायण (भगवान श्रीकृष्ण), माता लक्ष्मी, और चंद्रदेव का पूजन किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के रासोत्सव का विशेष महत्व है।

Benefits :-

  • शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर का भोग लगाने से और इसे चंद्रमा की किरणों में रखने के बाद सेवन करने से रोगमुक्ति होती है।
  • इस दिन की पूजा समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।
  • चंद्रमा और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

Process :-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान

Puja Samagri :-

श्रद्धा के द्वारा दी जाने वाली पूजन  सामग्री

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती,

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1
  • गाय का दूध – 100ML
  • दही – 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) – 1मुठ 
  • पान का पत्ता – 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार – 2 kg
  • पुष्पमाला – 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव – 2
  • विल्वपत्र – 21
  • तुलसी पत्र –7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • थाली – 2, कटोरी – 5, लोटा – 2, चम्मच – आदि 
  • अखण्ड दीपक –1
  • देवताओं के लिए वस्त्र –  गमछाधोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • गोदुग्ध,गोदधि
  • पानी वाला नारियल
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित 

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