Description
About Puja :-
भारतीय संस्कृति सदा से ही वीरता, शौर्य और धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है। इसी वीरता और धर्म विजय का प्रतीक है विजयदशमी (दशहरा), जो आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। विजयदशमी हिंदुओं का प्रमुख पर्व है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक माँ दुर्गा की आराधना की। उनकी कृपा से दशमी तिथि को रावण का वध कर धर्म की विजय प्राप्त की। इसी कारण हर वर्ष विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास और श्रद्धा से मनाया जाता है।
Process :-
विजयादशमी (दशहरा) में होने वाले प्रयोग या विधि:-
- स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
- प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
- गणपति गौरी पूजन
- कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
- पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
- षोडशमातृका पूजन
- सप्तघृतमातृका पूजन
- आयुष्यमन्त्रपाठ
- सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
- नवग्रह मण्डल पूजन
- अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
- पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन
- रक्षाविधान,
Puja Samagri :-
श्रद्धा के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-
- रोली, कलावा
- सिन्दूर, लवङ्ग
- इलाइची, सुपारी
- हल्दी, अबीर
- गुलाल, अभ्रक
- गङ्गाजल, गुलाबजल
- इत्र, शहद
- धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई
- यज्ञोपवीत, पीला सरसों
- देशी घी, कपूर
- माचिस, जौ
- दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा
- सफेद चन्दन, लाल चन्दन
- अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला
- चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का
- सप्तमृत्तिका
- सप्तधान्य, सर्वोषधि
- पञ्चरत्न, मिश्री
- पीला कपड़ा सूती
हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-
- काला तिल
- चावल
- कमलगट्टा
- हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
- गुड़ (बूरा या शक्कर)
- बलिदान हेतु पापड़
- काला उडद
- पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
- प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय – एक सेट
- हवन कुण्ड ताम्र का 10/10 इंच या 12/12 इंच
- पिसा हुआ चन्दन
- नवग्रह समिधा
- हवन समिधा
- घृत पात्र
- कुशा
- पंच पात्र
यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-
- वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का – 1
- गाय का दूध – 100ML
- दही – 50ML
- मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार
- फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
- दूर्वादल (घास ) – 1मुठ
- पान का पत्ता – 07
- पुष्प विभिन्न प्रकार – 2 kg
- पुष्पमाला – 7 ( विभिन्न प्रकार का)
- आम का पल्लव – 2
- विल्वपत्र – 21
- तुलसी पत्र –7
- शमी पत्र एवं पुष्प
- थाली – 2, कटोरी – 5, लोटा – 2, चम्मच – 2 आदि
- अखण्ड दीपक –1
- देवताओं के लिए वस्त्र – गमछा, धोती आदि
- बैठने हेतु दरी,चादर,आसन
- पानी वाला नारियल
- तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित
- गोदुग्ध,गोदधि
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