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रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक | Duration : 4 Hrs 30 Min

5,100.00

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रुद्राभिषेक

Category

Description

About Puja :-

रुद्राभिषेक:

रुद्राभिषेक भगवान शिव की पूजा का एक विशेष प्रकार है, जिसमें वेदों में वर्णित मंत्रों और विधियों के अनुसार अभिषेक किया जाता है। इसमें जल, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गंगाजल, और इत्र जैसे पवित्र द्रव्यों का उपयोग कर शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। यह पूजा विशेषतः “रुद्राष्टाध्यायी” के मंत्रों के उच्चारण के साथ की जाती है, जो शुक्लयजुर्वेद का महत्वपूर्ण अंश है।

रुद्राभिषेक का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना और उनके द्वारा दुखों, दोषों, और पापों का नाश कराना है। पूजा के दौरान शिवलिंग पर विविध पदार्थ चढ़ाकर, भक्त भगवान रुद्र से शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

रुद्राभिषेक की इस प्रक्रिया में मंत्रों का जाप और आहुतियाँ विशेष महत्व रखती हैं, जो न केवल शिव का पूजन है, बल्कि स्वयं के आंतरिक शुद्धिकरण और पवित्रता की ओर एक यात्रा भी है।

Benefits (रुद्राभिषेक पूजा के लाभ) :-

  1. पापों का नाश: रुद्राभिषेक पूजा के माध्यम से व्यक्ति के सभी पाप और दोष समाप्त होते हैं। यह पूजा मानसिक और शारीरिक अशांति से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
  2. धन और समृद्धि की प्राप्ति: रुद्राभिषेक से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो घर में धन और समृद्धि का प्रवाह करती है। यह पूजा आर्थिक संकटों को दूर करने में मदद करती है।
  3. स्वास्थ्य और दीर्घायु: रुद्राभिषेक पूजा से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार होता है। यह पूजा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने और जीवन को लंबा बनाने में सहायक है।
  4. संतान सुख की प्राप्ति: रुद्राभिषेक पूजा संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। यह पूजा संतान के अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि को सुनिश्चित करती है।
  5. भक्ति में वृद्धि: रुद्राभिषेक पूजा से भक्त के मन में भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा की भावना प्रगाढ़ होती है। यह पूजा आत्मिक शांति और मानसिक संतुलन प्रदान करती है।
  6. समाज में प्रतिष्ठा: रुद्राभिषेक से समाज में व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ती है और वह सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता है। यह पूजा सम्मान और स्नेह की प्राप्ति में मदद करती है।
  7. सिद्धि और सफलता: रुद्राभिषेक पूजा से व्यक्ति को उसकी इच्छाओं की पूर्ति और जीवन में सफलता मिलती है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो जीवन में किसी विशेष लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं।
  8. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: रुद्राभिषेक से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह पूजा घर में शांति और समृद्धि का वातावरण बनाती है।
  9. आध्यात्मिक उन्नति: रुद्राभिषेक पूजा से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह आत्मिक शांति की प्राप्ति करता है। यह पूजा जीवन में सच्चे उद्देश्य की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है।

श्रद्धा के द्वारा की जाने वाली रुद्राभिषेक पूजा न केवल शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति में सहायक होती है।

Process (रुद्राभिषेक पूजा प्रक्रिया) :-

  1. पवित्रीकरण और पवित्रीधारण: पूजा स्थल और समस्त सामग्री को पवित्र किया जाता है ताकि पूजा का वातावरण शुद्ध और दिव्य हो।
  2. आचमन और प्राणायाम: पूजा से पहले आचमन (पानी का सेवन) और प्राणायाम (सांसों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया) द्वारा शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त की जाती है।
  3. रक्षादीप और संकल्प: पूजा स्थल की सुरक्षा और आशीर्वाद के लिए रक्षादीप जलाया जाता है, और संकल्प लिया जाता है ताकि पूजा के उद्देश्य को स्पष्ट किया जा सके।
  4. स्वस्तिवाचन: पूजा में सफलता के लिए स्वस्तिवाचन किया जाता है, ताकि शांति और समृद्धि की प्राप्ति हो सके।
  5. गणेश पूजन: भगवान गणेश का पूजन किया जाता है, ताकि पूजा में कोई विघ्न न आए और सफलता प्राप्त हो।
  6. शिव पूजा का प्रारंभ: भगवान शिव का आवाहन, ध्यान, और पूजा की शुरुआत होती है। इसमें पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान (दूध, दही, घी, शहद), पञ्चामृत स्नान आदि शामिल होते हैं।
  7. रुद्राभिषेक प्रारंभ: भगवान शिव के रुद्र रूप का अभिषेक विशेष रूप से पवित्र जल, दूध, घी और अन्य दिव्य पदार्थों से किया जाता है। रुद्राष्टाध्यायी मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
  8. एकादश रुद्र पूजा: भगवान रुद्र के 11 रूपों की पूजा की जाती है, जिससे सभी प्रकार के कष्टों और दोषों से मुक्ति मिलती है।
  9. शिव पूजा का विस्तार: शिव की विभिन्न शक्तियों की पूजा की जाती है, जिसमें बिल्वपत्र, दुर्वा, पुष्पमाला, अक्षत, भस्म आदि अर्पित किए जाते हैं।
  10. अभिषेक की पुनरावृत्ति: रुद्राभिषेक की पुनरावृत्ति की जाती है, जिसमें विभिन्न दिव्य पदार्थों जैसे गंगा जल, शुद्ध घी, शहद, आदि से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।
  11. ध्यान और मंत्रजप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करते हुए भगवान शिव का ध्यान किया जाता है। यह ध्यान मानसिक शांति और ध्यान की गहरी स्थिति को प्राप्त करने में मदद करता है।
  12. उत्तरपूजन और आरती: अभिषेक के बाद भगवान शिव की आरती और पुष्पांजलि अर्पित की जाती है, जिससे पूजा के प्रभाव को और अधिक सिद्ध किया जाता है।
  13. परिक्रमा और आशीर्वाद: पूजा के बाद भगवान शिव की परिक्रमा की जाती है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। साथ ही तिलक, दक्षिणा और आशीर्वाद भी लिया जाता है।
  14. स्तोत्र पाठ: पूजा के समापन में भगवान शिव के स्तोत्रों का पाठ किया जाता है, जो पूजा की सिद्धि और समग्र सफलता को सुनिश्चित करता है।

रुद्राभिषेक पूजा में प्रत्येक क्रिया को श्रद्धा और भक्ति से किया जाता है, जो जीवन में सुख, समृद्धि, और मानसिक शांति का मार्ग प्रशस्त करती है।

Puja Samagri :-

श्रद्धा द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:

  • रोली, कलावा
  • सिंदूर, लवंग
  • इलायची, सुपारी
  • हल्दी, अबीर
  • गुलाल, अभ्रक
  • गंगा जल, गुलाब जल
  • इत्र, शहद
  • धूपबत्ती, रुई बत्ती, रुई
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों
  • देशी घी, कपूर
  • माचिस, जौ
  • दोना (बड़ा साइज), पंचमेवा
  • सफेद चंदन, लाल चंदन
  • अष्टगंध चंदन
  • चावल (छोटा वाला)
  • सप्तमृत्तिका
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि
  • पंचरत्न, मिश्री
  • पंचगव्य गोघृत, गोमूत्र
  • चमेली तेल, कमलगट्टा
  • काला तिल, पीली सरसों
  • भस्म, चीनी

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:

  • पार्वती जी के लिए श्रृंगार
  • भगवान शिव के लिए वस्त्र (धोती, गमछा आदि)
  • गन्ने का रस: 2 लीटर
  • पान का पत्ता: 11 पीस
  • पुष्प (विभिन्न प्रकार): आधा किलो
  • मंदार पुष्पमाला: 5 पीस
  • गुलाब का पुष्प: आधा किलो
  • धतूरा का पुष्प एवं फल: न्यूनतम 5 पीस
  • तुलसी और तुलसी मंजरी: 1 मुठ्ठी
  • कमल पुष्प
  • बिल्वपत्र, बिल्वफल
  • पानी वाला नारियल
  • भांग
  • फलों का रस: 500 ग्राम
  • हरी दुर्वा घास: 1 मुठ्ठी
  • फूलों की लड़ी (श्रृंगार के लिए)
  • बड़ी साइज की परात
  • दूध: 5 लीटर
  • दही: 250 ग्राम
  • मिष्ठान्न (आवश्यकतानुसार): 2 किलो अथवा भक्तों की संख्या के अनुसार
  • आम का पल्लव: 2
  • अखण्ड दीपक: 1
  • फल: भक्तों की संख्या के अनुसार
  • बैठने हेतु दरी, चादर, आसन
  • पीला कपड़ा सूती
  • तांबा या पीतल का कलश
  • शिव लिंग की व्यवस्था (यदि घर में अभिषेक हो तो)

यह सूची श्रद्धा के लिए तैयार की गई है, ताकि पूजा के सभी आवश्यक सामान की व्यवस्था की जा सके।

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